Fascination About shiv chalisa in hindi
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पूजन रामचन्द्र जब कीन्हा। जीत के लंक विभीषण दीन्हा॥
पुत्र होन कर इच्छा जोई। निश्चय शिव प्रसाद तेहि होई॥
कीन्ही दया तहं करी सहाई। नीलकण्ठ तब नाम कहाई॥
दुष्ट सकल नित मोहि सतावै । भ्रमत रहे मोहि चैन न आवै॥
बृहस्पतिदेव की कथा
दुष्ट सकल नित मोहि सतावै । भ्रमत रहे मोहि चैन न आवै॥
जय जय जय अनंत अविनाशी। करत कृपा सब के घटवासी॥
बृहस्पतिदेव की कथा
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जय जय जय अनंत अविनाशी। करत कृपा सब के घटवासी॥
पूजन रामचंद्र जब more info कीन्हा। जीत के लंक विभीषण दीन्हा॥
स्वामी एक है आस तुम्हारी। आय हरहु मम संकट भारी॥
ॠनिया जो कोई हो अधिकारी। पाठ करे सो पावन हारी॥
शिव को भस्म क्यों चढ़ाई जाती है, जानिए यहां भस्म Shiv chaisa आरती के राज